
दिल्ली : दिल्ली ब्लास्ट के आरोपी आतंकी मुजम्मिल की कथित गर्लफ्रेंड डॉ.शाहीन लखनऊ की रहने वाली है.उसकी उम्र 46 साल है. घरवालों के मुताबिक वह बचपन से ही पढ़ाई में तेज थी.वह अपने क्लास में टॉप करती थी. सरकारी स्कूलों से शुरू हुई उनकी पढ़ाई ने उन्हें एक सफल एमबीबीएस डॉक्टर और प्रोफेसर बना दिया.उसने मेडिसिन के फील्ड में कई साल काम किया.स्टूडेंट्स को पढ़ाया और प्रैक्टिकल नॉलेज दी. आइए जानते है उसकी पूरी कहानी…
• शाईन शाहिद की कहानी : स्कूल में रही टॉपर..
शाहीन का जन्म लखनऊ के कैसरबाग इलाके में कंधारी बाजार के एक साधारण परिवार में हुआ. उनके पिता शाहिद अहमद अंसारी उत्तर प्रदेश हेल्थ डिपार्टमेंट में रिटायर्ड कर्मचारी थे.बचपन से ही शाहीन को डॉक्टर बनने का शौक था.उसने लखनऊ के लालबाग स्थित सरकारी गर्ल्स स्कूल से अपनी शुरुआती पढ़ाई की. यहां 10वीं और 12वीं दोनों में वह टॉपर रही.ये वो दौर था जब लड़कियां साइंस स्ट्रीम चुनना कम ही पसंद करती थीं लेकिन शाहीन ने साइंस से अपनी पढाई पूरी की. उसने मेडिकल कोर्सेज में एडमिशन के लिए होने वाले CPMT यानी कॉमन प्री-मेडिकल टेस्ट जैसी कठिन परीक्षा भी पास की.
• शाहीन ने कहां से किया MBBS?12वीं के बाद शाहीन ने प्रयागराज यानी तब के इलाहाबाद के मोतीलाल नेहरू राजकीय मेडिकल कॉलेज में दाखिला लिया. ये 1996 का बैच था. सरकारी कॉलेज होने से यहां कॉम्पिटिशन बहुत ज्यादा था, लेकिन शाहीन ने अपनी टॉपर वाली आदत जारी रखी.उसने 5.5 साल का MBBS का कोर्स पूरा किया.उसने वर्ष 2002 में यहीं से इंटर्नशिप की. वह कॉलेज के गर्ल्स हॉस्टल में थी.उसके भाई परवेज भी बाद में डॉक्टर बने और लखनऊ की इंटीग्रल यूनिवर्सिटी में काम करने लगे.
• प्रयागराज से ही किया MD फार्माकोलॉजी...
MBBS पूरा करने के बाद शाहीन ने यहीं प्रयागराज मेडिकल कॉलेज से ही फार्माकोलॉजी में MD भी किया. ये स्पेशलाइजेशन दवाओं के प्रभाव, साइड इफेक्ट्स और रिसर्च पर फोकस करती है जो मेडिसिन के फील्ड में बहुत क्रिटिकल है.MD के दौरान उन्होंने रिसर्च और प्रैक्टिकल वर्क पर खास ध्यान दिया जो बाद में उसके टीचिंग करियर में काम आया.उसने यूपी लोक सेवा आयोग (UPPSC) की परीक्षा भी क्रैक की.
• कानपुर में बन गई असिस्टेंट प्रोफेसर...
MD का कोर्स पूरा होने के बाद 2006-07 में शाहीन ने UPPSC की परीक्षा पास कर ली और कानपुर के गणेश शंकर विद्यार्थी मेमोरियल (GSVM)मेडिकल कॉलेज में फार्माकोलॉजी डिपार्टमेंट में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर सेलेक्ट हो गईं.यहां उन्होंने स्टूडेंट्स को पढाया.पहले तीन साल तो सब ठीक चला, लेकिन 2009 में उनका ट्रांसफर कन्नौज मेडिकल कॉलेज हो गया.वहां वह सिर्फ छह महीने रही और 2010 में वापस कानपुर लौट आई.
• 2013 से गायब हो गई शाहीन..
कानपुर लौटने के बाद भी उसने अपना काम जारी रखा. फार्माकोलॉजी डिपार्टमेंट में वह स्टूडेंट्स को पढाने लगी,लेकिन 2013 से उसकी अटेंडेंस इर्रेगुलर होने लगी. कॉलेज ने कई नोटिस भेजे.कॉलीग्स ने कॉन्टैक्ट करने की कोशिश की,लेकिन कोई रिस्पॉन्स नहीं मिला. आखिरकार 2021 में सरकार ने उसकी सर्विसेज टर्मिनेट कर दीं. GSVM में उनके साथ काम करने वाले बताते हैं कि शाहीन एक ब्रिलियंट टीचर थी जिससे स्टूडेंट्स काफी प्रभावित रहते थे.उसकी शादी महाराष्ट्र के एक ऑप्थल्मोलॉजिस्ट डॉक्टर डॉ.जाफर सईद से हुई थी.वह भी GSVM में ही पढ़ाते थे, लेकिन 2015 में दोनों का डिवोर्स हो गया. इसके बाद वह लखनऊ में फैमिली के साथ रहने लगी,लेकिन पिछले डेढ़ साल से संपर्क टूट गया.
कानपुर के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज की पूर्व सहायक प्रोफेसर डॉ. शाहीन सिद्दीकी के रिकॉर्ड ATS ने मंगलवार को जब्त कर लिए हैं. लोक सेवा आयोग से चयनित डॉ. शाहीन 2013 में कॉलेज से अचानक लापता हो गई थीं, जिसके बाद 2021 में उनकी सेवाएं समाप्त कर दी गईं थीं. एजेंसियां अब उनके पुराने संपर्क और गतिविधियों की गहन जांच कर रही हैं.
• टेरर नेटवर्क की सरगना!
कानपुर मेडिकल कॉलेज की पूर्व लेक्चरर डॉ. शाहीन सिद्दीकी को जैश-ए-मोहम्मद की महिला विंग 'जमात-उल मोमिनीन' का इंडिया हेड बताया जा रहा है. फरीदाबाद से दो डॉक्टरों की गिरफ्तारी के बाद शाहीन का नाम सामने आया, जिन पर 'व्हाइट कॉलर टेरर नेटवर्क' चलाने का आरोप है.
दरअसल, फरीदाबाद के धौज स्थित अल फलाह यूनिवर्सिटी से बीते 30 अक्तूबर को एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे डॉ. मुज्जमिल अहमद को गिरफ्तार किया गया। छानबीन में पता चला कि आरोपी ने फरीदाबाद में किराये के मकान में विस्फोटक छुपाया था। पूछताछ में आरोपी के कनेक्शन शाहीन से मिले। मुजम्मिल के पास मिली कार से एके-47 मिली। पड़ताल में सामने आया कि वह कार शाहीन की है। इसके बाद शाहीन को पकड़ा गया। शाहीन से पूछताछ में उसके लखनऊ कनेक्शन की चर्चा तेज हो गई है l
एजेंसियों के मुताबिक, शाहीन आतंकी मसूद अजहर की बहन सादिया अजहर के निर्देश पर काम कर रही थी. गिरफ्तारी के बाद लखनऊ में उसके घर पर छापेमारी हुई, जहां से उसके भाई डॉ. परवेज अंसारी को भी पकड़ा गया. इस दौरान कई दस्तावेज, हार्ड डिस्क और मोबाइल फोन जब्त किए गए.
शाहीन ने 2006 में कानपुर जीएसवीएम कॉलेज जॉइन किया था, लेकिन 2013 में बिना बताए छुट्टी पर चली गई थी, जिसके बाद 2021 में उसकी सेवा समाप्त कर दी गई. महाराष्ट्र के जफर हयात से तलाक के बाद वह फरीदाबाद शिफ्ट हुई और वहीं आतंकी नेटवर्क के संपर्क में आई थी. शाहीन की कार से राइफल और जिंदा कारतूस भी मिले हैे.
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